मनमोहिनीवन में तीन दिवसीय डायबिटिक कैंप का आयोजन (Diabetes Management Camp)

दिनचर्या बदलिए, मधुमेह पर नियंत्रण पाईये – डॉ श्रीमंत
मनमोहिनीवन में तीन दिवसीय मधुमेह शिविर में जुटे लोग
 
आबू रोड, 3 मई, निसं। ब्रह्माकुमारीज संस्था के मनमोहिनीवन में 27 अप्रैल से 3 मई तक मेडिकल विंग द्वारा एक डायबिटिक कैंप आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में गुजरात से 50 से ज्यादा मधुमेह पीडि़तों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में आये पीडि़तों ने मधुमेह से निजात पाने का ही नहीं बल्कि नियंत्रित कर स्वस्थ रहने के तौर तरीके भी सीखे। 

 
इस कार्यक्रम के संयोजक मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ श्रीमंत साहू ने डायमंड प्रोजेक्ट फॉर मैनेजमेंट ऑफ डायबिटीज के अंतर्गत आयोजित किए जाने वाले यह  सातवें कैम्प में सुबह से शाम से पूरी दिनचर्या के तहत शिविर का संचालन किया। कैम्प में आये शिविरार्थियों में से अधिकांश 200 से 400 के बीच शुगर लेकर आए थे।  यहां पर उन्हें मेडिटेशन के साथ व्यायाम उचित भोजन तथा सही मात्रा में दवाइयां दी गई। उनमें डायबिटीज के साइड इफेक्ट चेक करने के लिए उनके उनके पैरों का चेकअप आंखों का चेकअप के लिए पैरों का चेकअप, दांतों का चेकअप, ईसीजी, थायराइड, लिपीड प्रोफाइल चेकअप कर के उन्हे सही दवाई दी गई, जिससे तीन ही दिनमें उनके ब्लड शुगर सामान्य स्तर पर आ गई।  
 
इस कार्यक्रम के समापन सत्र में लंदन से आयी बीके गोपी तथा ग्लोबल हास्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ प्रताप मिडढा, मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ0 श्रीमंत साहू ने इस कैंप का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि जीवन में यदि स्वस्थ रखना है तो उसके लिए दिनचर्या, खानपान राजयोग ध्यान, व्यायाम का ध्यान रखना जरूरी होगा। यही एक शस्त्र है जिससे मनुष्य अपनी लम्बी और स्वस्थ जीवन जी सकता है। यह तीन दिनों के कैम्प में स्पष्ट हो गया है। इसी क्रम में डॉ प्रताप मिढा तथा मेडिकल प्रभाग के सचिव डॉ बनारसी ने कहा कि यदि हम अपने जीवन के प्रति सचेत रहे तो हमारा जीवन कभी भी रोगी नहीं हो सकता है। 
 
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह से लोगों की गलत जीवनशैली के कारण मधुमेह बढ़ा है। ऐसे में समय रहते हम नहीं चेते तो आना वाला समय हमारे लिए अति कठिन होगा। राजयोग ध्यान और आध्यात्मिक ज्ञान से मानव का मन सशक्त होता है और उससे शरीर की व्याधियों पर भी नियंत्रण हो सकता है। 

डायमंड प्रोजक्ट ऑफ डायबिटीज मैनेजमेंट के चौथे ट्रेनिंग प्रोग्राम का शुभारंभ

आत्माभिमानी स्थिति व्याधियों पर नियंत्रण करने का साधन
 
– डायमंड प्रोजक्ट ऑफ डायबिटीज मैनेजमेंट के चौथे ट्रेनिंग प्रोग्राम का शुभारंभ 
– 14 अगस्त तक चलेगी ट्रेनिंग
– प्रतिभागियों को डायबिटीज मैनेजमेंट के बताए जाएंगे टिप्स
 
6 अगस्त, आबू रोड (निप्र)।
ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा चलाए जा रहे डायमंड प्रोजक्ट ऑफ डायबिटीज मैनेजमेंट के चौथे ट्रेनिंग प्रोग्राम का शुभारंभ किया गया। इसमें गुजरात से आए 70 से अधिक डायबिटीज मरीज भाग ले रहे हैं। ये ट्रेनिंग प्रोग्राम 14 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान सभी प्रतिभागियों को आध्यात्मिक ज्ञान, राजयोग मेडिटेशन, एक्सरसाइज, डाइट आदि के बारे में विषय विशेषज्ञों द्वारा गहराई से बताया जाएगा। साथ ही खान-पान से डायबिटीज को कैसे नियंत्रित करें इसकी ट्रेनिंग प्रैक्टिकल में कराई जाएगी। पिछले ट्रेनिंग में कई डायबिटीज मरीजों में आश्चर्यजनक परिवर्तन आया था और उनकी शुगर का लेवल एक सप्ताह के अंदर ही आधा रह गया था।
चौथे ट्रेनिंग प्रोग्राम का शुभारंभ करते हुए मीडिया विंग के अध्यक्ष बीके करुणा ने कहा कि डायबिटीज को हल्के में न लें। किसी भी बीमारी को दूर करने के लिए जागरुकता और खानपान के नियमों का पालन जरूरी है। प्रयास करें कि ये बीमारी न हो। लेकिन यदि हो गई है तो पूरी सावधानी बरतें। ग्लोबल हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. प्रताप मिड्ढा ने कहा कि आध्यात्मिक ज्ञान की कमी और देहभान के कारण हम इंद्रियों पर नियंत्रण नहीं कर पाते हैं। आत्माभिमानी स्थिति व्याधियों पर नियंत्रण करने का साधन है।  मेडिकल विंग के कार्यकारी सचिव डॉ. बनारसी लाल ने कहा कि यहां सभी डायमंड परमपिता परमात्मा के बुलावे पर आए हैं। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश को डायबिटीज मुक्त करना है। उन्होंने कहा कि आज डायबिटीज दुनिया की सबसे भयंकर बीमारी के रूप में सामने आई है। ये लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारी है तो इसे लाइफ स्टाइल सुधारकर ही दूर किया जा सकता है। यदि राजयोग मेडिटेशन, सही खानपान और व्यायाम का ध्यान रखा जाए तो हम इससे मुक्त हो सकते हैं। आंध्रप्रदेश से पधारीं डॉ. शांति ने इस पूरे प्रोजेक्ट के बारे में सभी को जानकारी दी।
भावनगर गुजरात से पधारीं सबजोन इंचार्ज बीके तृप्ति ने कहा कि राजयोग मेडिटेशन एक ऐसी अचूक औषधि है जिससे हम सभी बीमारियों का इलाज कर सकते हैं। संस्थान में ऐसे हजारों भाई-बहनें हैं जिन्होंने राजयोग के प्रयोग से असाध्य से असाध्य बीमारियों को दूर किया गया। राजयोग में सबसे ज्यादा हीलिंग पॉवर होती है।
रचनात्मक जीवनशैली हो…
इस प्रोजेक्ट में मु य सूत्रधार व संयोजक ग्लोबल हॉस्पिटल के डॉ. श्रीमंत साहू ने कहा कि हमारी जीवनशैली में सकारात्मक चिंतन, मेडिटेशन, व्यायाम और रचनात्मक कार्य शामिल हों। सदा खुश रहें और दूसरों को भी खुशियां बांटें। शरीर में कोई भी बीमारी हो इसका सबसे बड़ा कारण हमारे मन के विचार हैं, जैसे हमारे विचार होते हैं वैसा ही प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता है। शोध में सामने आया है कि डायबिटीज का एक सबसे बड़ा कारण मानसिक तनाव भी है। राजयोग मेडिटेशन से तनाव दूर भाग जाता है। जीवन में खुशियां आ जाती हैं और हमारा जीवन सुखमय बन जाता है।

DIAMOND PROJECT 05 TO 11-08-18

DIABETES CAMP -I (2-6-18 TO 8-6-18)

सिवनी (म. प्र. ) में अलविदा डायबिटीज शिविर: बी.के. डाॅं. श्रीमन्त जी ने किया संबोधित

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उद्घाटन अवसर पर दीप प्रज्जवलन करते आदरणीय बी.के. डाॅं. श्रीमन्त जी, पूर्व शिक्षा मंत्री भ्राता ढालसिंह बिसेन जी, स्वामी श्री बलवन्तानंद जी, योग सम्राट महेन्द्र मिश्र जी, जनपद पंचायत अध्यक्ष बहन प्रतिज्ञा राजपूत जी, डीप्टी डायरेक्टर बहन किरण बिसेन जी, संचालिका सेवा केन्द्र बी.के. ज्योति दीदी, मेमोरी गुरु बी.के. शक्तिराज सिंह माउन्ट आबू, बी. के. चेतन माउन्ट आबू, एवं 75 महानुभावों द्वारा। शिविर में लगभग 1200 लोग उपस्थित थे।