आत्माभिमानी स्थिति व्याधियों पर नियंत्रण करने का साधन
– डायमंड प्रोजक्ट ऑफ डायबिटीज मैनेजमेंट के चौथे ट्रेनिंग प्रोग्राम का शुभारंभ
– 14 अगस्त तक चलेगी ट्रेनिंग
– प्रतिभागियों को डायबिटीज मैनेजमेंट के बताए जाएंगे टिप्स
6 अगस्त, आबू रोड (निप्र)।
ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा चलाए जा रहे डायमंड प्रोजक्ट ऑफ डायबिटीज मैनेजमेंट के चौथे ट्रेनिंग प्रोग्राम का शुभारंभ किया गया। इसमें गुजरात से आए 70 से अधिक डायबिटीज मरीज भाग ले रहे हैं। ये ट्रेनिंग प्रोग्राम 14 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान सभी प्रतिभागियों को आध्यात्मिक ज्ञान, राजयोग मेडिटेशन, एक्सरसाइज, डाइट आदि के बारे में विषय विशेषज्ञों द्वारा गहराई से बताया जाएगा। साथ ही खान-पान से डायबिटीज को कैसे नियंत्रित करें इसकी ट्रेनिंग प्रैक्टिकल में कराई जाएगी। पिछले ट्रेनिंग में कई डायबिटीज मरीजों में आश्चर्यजनक परिवर्तन आया था और उनकी शुगर का लेवल एक सप्ताह के अंदर ही आधा रह गया था।
चौथे ट्रेनिंग प्रोग्राम का शुभारंभ करते हुए मीडिया विंग के अध्यक्ष बीके करुणा ने कहा कि डायबिटीज को हल्के में न लें। किसी भी बीमारी को दूर करने के लिए जागरुकता और खानपान के नियमों का पालन जरूरी है। प्रयास करें कि ये बीमारी न हो। लेकिन यदि हो गई है तो पूरी सावधानी बरतें। ग्लोबल हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. प्रताप मिड्ढा ने कहा कि आध्यात्मिक ज्ञान की कमी और देहभान के कारण हम इंद्रियों पर नियंत्रण नहीं कर पाते हैं। आत्माभिमानी स्थिति व्याधियों पर नियंत्रण करने का साधन है। मेडिकल विंग के कार्यकारी सचिव डॉ. बनारसी लाल ने कहा कि यहां सभी डायमंड परमपिता परमात्मा के बुलावे पर आए हैं। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश को डायबिटीज मुक्त करना है। उन्होंने कहा कि आज डायबिटीज दुनिया की सबसे भयंकर बीमारी के रूप में सामने आई है। ये लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारी है तो इसे लाइफ स्टाइल सुधारकर ही दूर किया जा सकता है। यदि राजयोग मेडिटेशन, सही खानपान और व्यायाम का ध्यान रखा जाए तो हम इससे मुक्त हो सकते हैं। आंध्रप्रदेश से पधारीं डॉ. शांति ने इस पूरे प्रोजेक्ट के बारे में सभी को जानकारी दी।
भावनगर गुजरात से पधारीं सबजोन इंचार्ज बीके तृप्ति ने कहा कि राजयोग मेडिटेशन एक ऐसी अचूक औषधि है जिससे हम सभी बीमारियों का इलाज कर सकते हैं। संस्थान में ऐसे हजारों भाई-बहनें हैं जिन्होंने राजयोग के प्रयोग से असाध्य से असाध्य बीमारियों को दूर किया गया। राजयोग में सबसे ज्यादा हीलिंग पॉवर होती है।
रचनात्मक जीवनशैली हो…
इस प्रोजेक्ट में मु य सूत्रधार व संयोजक ग्लोबल हॉस्पिटल के डॉ. श्रीमंत साहू ने कहा कि हमारी जीवनशैली में सकारात्मक चिंतन, मेडिटेशन, व्यायाम और रचनात्मक कार्य शामिल हों। सदा खुश रहें और दूसरों को भी खुशियां बांटें। शरीर में कोई भी बीमारी हो इसका सबसे बड़ा कारण हमारे मन के विचार हैं, जैसे हमारे विचार होते हैं वैसा ही प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता है। शोध में सामने आया है कि डायबिटीज का एक सबसे बड़ा कारण मानसिक तनाव भी है। राजयोग मेडिटेशन से तनाव दूर भाग जाता है। जीवन में खुशियां आ जाती हैं और हमारा जीवन सुखमय बन जाता है।